कतीरा एक कांटेदार वृक्ष का गोंद है। इस वृक्ष के फूल पीले और फल लाल रंग के होते हैं। यह गोंद जड़ी बूटी बेचने वाली दुकान पर मिलता है। यह कई रोगों को दूर करने के गुण रखता है। इसकी प्रयोग विधि और प्रयोग से होने वाले लाभ की जानकारी प्रस्तुत है।
प्रयोग विधि-
10 ग्राम कतीरा गोंद लेकर मोटा मोटा कूट लें। एक कांच की बर्न लें जिसमें एक लिटर पानी आ सके। इस बर्न में आधा लिटर पानी डाल कर यह मोटा मोटा कुटा हुआ कतीरा गोंद डाल कर शाम को रख दें। सुबह बर्न भरी हुई मिलेगी। इसमें पिसी हुई मिश्री 50 ग्राम मिला दें। इसे एक-एक चम्मच (10 मि.ली.) सुबह शाम खाने से पेशाब में जलन, प्रमेह, वीर्य का पतलापन, स्त्रीयों का अल्पात्र्तव, हाथ पैर की हथेली व तलवों में जलन, खुश्की, हड़फूटन, बहुत प्यास लगना, शरीर में जलन का अनुभव होना आदि व्याधियां दूर होती हैं। यूं तो इसका सेवन किसी भी ऋतु में किया जा सकता है पर ग्रीष्म ऋतु में तो यह अमृत के समान गुणकारी और लाभप्रद है।