आंख की पलक या निचले भाग में एक फुंसी हो जाती है जिसे गोहेरी या गुहांजनी कहते हैं। यह क्यों होती है इसके कारणों की जानकारी नहीं मिलती पर ऐसा कहते हैं कि मूत्रेन्द्रिय को साफ न रखने और मुंड के आसपास सफेदी जमने से यह फुंसी होती है। स्नान करते समय शिश्न की त्वचा हटा कर शिश्न-मुंड को रोज़ धोना चाहिए। महिलाओं को भी रोज़ाना योनि प्रक्षालन करना चाहिए। गोहेरी होने पर निम्नलिखित कोई भी एक उपाय करके फुंसी को समास्या कर देना चाहिए। इसमें देर नहीं करना चाहिए अन्यथा फुंसी कठोर हो जाती है और लम्बे समय तक ठीक नहीं होती तो डॉक्टर से चीरा लगवाने की नौबत आ जाती है।
चिकित्सा-
(1) इमली के बीज को पत्थर पर पानी का छींटा मार कर चन्दन की तरह घिसें और अनामिका अंगुली से इसे सुबह और शाम गुहेरी पर लगा दें।
(2) लौंग को चन्दन की तरह घिस कर लगाने से गुहेरी की नई फुंसी बैठ जाती है।
(3) आम के पत्ते को तोड़ने पर डण्ठल से निकलने वाले पानी को, डण्ठल से ही सीधे गुहेरी पर लगाना चाहिए। यह बहुत लाभकारी उपाय है।