
आजकल आंखें कमजोर होना आम बात हो गई है। बूढ़े ही क्या छोटे बच्चों को भी चश्मा लगाना पड़ रहा है। धीरे धीरे नेत्र ज्योति कमजोर होती जाती है और बिना चश्मे के ठीक से दिखाई नहीं देता। इस समस्या से छुटकारा दिलाने वाला एक सरल, सस्ता और सुलभ नुस्खा होते हुए भी कमाल का काम करता है। नुस्खा प्रस्तुत है।
नुस्ख:-
सोते समय रात को आंखों में, सरसों का तैल, काजल की तरह लगा लें। सुबह उठ कर अपना ताजा स्वमूत्र एक चौड़े बर्तन में लें और कुछ देर तक रख कर ठण्डा होने दें। अब इस स्वमूत्र को “आई वाशिंग ग्लास’ में भर कर एक आंख इसमें लगा कर आंख खोल कर स्वमूत्र में आर पार देखते हुए आंख की पुतली ऊपर नीचे इधर उधर घुाएं ताकि आंख स्वमूत्र से धुल सके। इसके बाद दूसरी आंख से भी यह क्रिया
करें। ऐसे 5-5 बार दोनों आंखों को स्वमूत्र से धोना चाहिए। इसके बाद उस बर्तन का स्वमूत्र फेंक दें और उसमें ताजा ठण्डा पानी भर कर इस पानी में आंखें डुबा कर इधर उधर घुा कर धो लें और सुबह की सैर पर चले जाएं। आप अनुभव करेंगे कि आप की नेत्रज्योति बढ़ रही है। इस उपाय से 45 दिन में ही धुंधला दिखना बन्द होता है।